तारीख़े अदब उर्दू (प्रथम से पंचम भाग तक)

पांच भागों में संग्रहीत ‘तारीख़े अदब उर्दू’ परिषद् ने प्रकाशित की है। इसमें आरम्भ से सत्रहवीं शताब्दी तक उर्दू साहित्य के इतिहास को कवर किया गया है। यह सभी भाग विशेषज्ञ शोधकर्ता प्रोफेसर ज्ञान चंद्र जैन एवं प्रोफेसर सैय्यदा जाफ़र ने मिल कर लिखा है।

उर्दू साहित्य पर लिखी गयी अन्य पुस्तकों की तुलना में यह पुस्तक कई प्रकार से भिन्न है। मुख्यतः छोटी से छोटी बातों को विस्तार से समझाया गया है। इस में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी एवं खंबात से लेकर बंगाल की खाड़ी तक के सूफ़ी-संतों, कवियों एवं लेखकों की सेवाओं एवं उर्दू भाषा के विकास को विस्तार से बताया गया है।

पुस्तकों की प्रदर्शनी

प्रकाशन का लाभ तभी है जब पुस्तकें पाठकों एवं सामान्य जन तक सही समय पर पहुंच सकें। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु, परिषद् ने पुस्तकों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिये संगठित प्रयास किये हैं। इसके लिए देश भर में वी.ओ. (V.O.) राज्यीय उर्दू एकेडमियों एवं शिक्षा संस्थानों के नेटवर्क का प्रयोग किया गया है। परिषद् ने भारत में आयोजित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय, पुस्तक प्रदर्शनियों में भाग लिया है एवं इस प्रकार की कई प्रदर्शनियों को स्वयं भी आयोजित किया है। यह प्रयास लाभदायक सिद्ध हुए हैं एवं परिषद् की पुस्तकों की बिक्री में संतोषजनक वृद्धि हुई है। परिषद् ने अब तक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, पटना, श्रीनगर एवं हैदराबाद में बारह आल इण्डिया पुस्तक मेलों एवं दिल्ली और गुवाहाटी में दो स्थानीय पुस्तक मेलों का आयोजन किया हैं।