• Black Theme
  • Default Theme

हमारे बारे में

हमारे बारे में

राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद्, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यामिक व उच्च माध्यामिक शिक्षा विभाग के अधीनस्थ एक स्वायत्त संस्थान है। उर्दू भाषा के विकास, प्रगति एवं प्रसार के लिए इसे स्थापित किया गया था और इसने एक अप्रैल 1996 से दिल्ली में काम करना आरम्भ किया। उर्दू भाषा के विकास की राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में एन0 सी0 पी0 यू0 एल0, उर्दू भाषा और उर्दू शिक्षा की प्रगति के लिए केन्द्रीय समन्वयक एवं पर्यवेक्षक संस्थान है।

सोसाइटी रजिस्ट्रेशन नं0 1994 का एस/26252 के लिए यहां क्लिक करें। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें (आकार: 2.56 एमबी,प्रारूप: पीडीएफ, भाषा:अंग्रेजी)

मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन के लिए यहां क्लिक करें डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें (आकार: 43 एमबी,प्रारूप: पीडीएफ, भाषा:अंग्रेजी)

एमओयू के लिए यहां क्लिक करें डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें (आकार: 12.56 एमबी,प्रारूप: पीडीएफ, भाषा:अंग्रेजी)

वार्षिक रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें (आकार: 21.32 एमबी,प्रारूप: पीडीएफ, भाषा:अंग्रेजी)

अकाउंट के वित्तीय विवरण के लिए यहां क्लिक करें। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें (आकार: 21.64 एमबी,प्रारूप: पीडीएफ, भाषा:अंग्रेजी)

कार्य

  • उर्दू भाषा में साहित्य समेत विज्ञान तथा आधुनिक ज्ञान की विभिन्न शाखाओं से संबंधित पुस्तकें प्राकाशित करना एवं बाल साहित्य, पाठ्य पुस्तक, संदर्भ ग्रंथ, विश्वकोश, शब्दकोश इत्यादि की रचना व प्रकाशन करना।
  • उर्दू भाषा को समृद्ध करने के लिए ज्ञान के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में प्रयोग होने वाले शब्दों को इकट्ठा करना और शब्द बनाना ताकि उर्दू शब्दकोश में वृद्धि हो सके।
  • अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पत्रिकाओं को प्रकाशित करना और प्रकाशित करने के लिए सहायता करना।
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित की गई पुस्तकों व पत्रिकाओं को बेचने के लिए प्रदर्शनी लगाना।
  • आधुनिक युग में उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए और नई तकनीकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कम्प्यूट्रीकरण को बढ़ावा देना।
  • अंग्रेज़ी, हिन्दी और दूसरी आधुनिक भारतीय भाषाओं में उर्दू शिक्षण के लिए परियोजनाएं व योजनाएं तैयार करना और उनका परिपालन करना।
  • उर्दू भाषा के विकास एवं प्रसार के लिए राज्य सरकार, और दूसरे संस्थानों से संपर्क बनाना।
  • उर्दू भाषा के प्रसार व प्रचार के लिए ग़ैर सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करना।
  • राज्य उर्दू अकादमियों की गतिविधियों में समन्वय करना।
  • समाज के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए व्यक्ति, संगठन, व्यापार संघ आदि से चंदा, भेंट, उपहार, अनुदान, वसीयत आदि स्वीकार करना।
  • समाज के उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अनुकूल गतिविधियों को अंजाम देना।